बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क बेंगलुरु के पास एक ऐसी जगह है, जो प्रकृति और वन्यजीवों से प्यार करने वालों के लिए बेहद खास है। यहाँ की हरियाली और शांत माहौल आपको शहर की भागदौड़ से दूर ले जाता है। मैंने पिछले महीने अपने परिवार के साथ यहाँ की सैर की और वो पल आज भी मेरे दिल में ताज़ा हैं। बाघों को उनके प्राकृतिक माहौल में देखना और रंग-बिरंगी तितलियों के बीच टहलना एक अनोखा अनुभव था। अगर आप बेंगलुरु में हैं, तो यह जगह एक दिन की सैर के लिए एकदम सही है। आइए, इस पार्क के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क बेंगलुरु शहर से करीब 22 किलोमीटर दूर है। यह बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से में है, और यहाँ तक पहुँचना बहुत आसान है। मैंने अपने परिवार के साथ सुबह जल्दी निकलने का प्लान बनाया, और हमारी कार से हमें यहाँ पहुँचने में करीब 45 मिनट लगे। रास्ते में ट्रैफिक कम था, और चारों तरफ हरियाली देखकर सफर का मज़ा दोगुना हो गया। अगर आप शहर के बीच से आ रहे हैं, तो ट्रैफिक के हिसाब से थोड़ा समय ज्यादा लग सकता है।
बेंगलुरु से बन्नेरघट्टा जाने के लिए कई रास्ते हैं। अपनी गाड़ी से जाना सबसे आसान है बन्नेरघट्टा रोड पर सीधा रास्ता है, और रास्ते में साइनबोर्ड्स आपका मार्गदर्शन करते हैं। मैंने अपनी कार ली थी, लेकिन अगर आपके पास गाड़ी नहीं है, तो BMTC की बसें भी यहाँ तक जाती हैं। मैजेस्टिक बस स्टैंड से बस लेकर आप करीब एक घंटे में पहुँच सकते हैं। इसके अलावा, ओला-उबर जैसी कैब सर्विस भी ले सकते हैं। रास्ते में आपको पेड़-पौधों से भरे नज़ारे देखने को मिलेंगे, जो सफर को और खूबसूरत बनाते हैं।
बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क में बहुत कुछ है जो आपका मन मोह लेगा। यहाँ एक जूलॉजिकल पार्क है, जहाँ कई तरह के जानवर देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, एक बटरफ्लाई पार्क, रेस्क्यू सेंटर और सफारी भी है। मुझे जूलॉजिकल पार्क में बाघ, शेर और भालू देखना बहुत पसंद आया। मेरे बच्चे बटरफ्लाई पार्क में रंग-बिरंगी तितलियों को देखकर खुश हो गए। यहाँ का प्राकृतिक माहौल इतना शांत है कि आप घंटों यहाँ बिता सकते हैं।
पार्क की सफारी यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है। हमने ग्रैंड सफारी ली, जिसमें हमें बाघ, शेर, भालू और हिरण देखने का मौका मिला। जीप में बैठकर जंगल के रास्तों से गुजरना और जानवरों को इतने करीब से देखना मेरे लिए एक नया अनुभव था। मेरे बच्चे बाघ को देखकर चिल्ला उठे, और मैंने भी पहली बार जंगल में इतने बड़े बाघ को देखा। सफारी के दौरान गाइड ने हमें जानवरों के बारे में कई रोचक बातें बताईं, जिसने इस अनुभव को और खास बना दिया।
सफारी के टिकट की कीमतें यहाँ ज्यादा नहीं हैं। ग्रैंड सफारी का टिकट करीब 500 रुपये प्रति व्यक्ति है, जिसमें बाघ, शेर और भालू की सफारी शामिल है। अगर आप सिर्फ एक सफारी करना चाहते हैं, तो टिकट 300 रुपये से शुरू होता है। जूलॉजिकल पार्क और बटरफ्लाई पार्क के लिए अलग से 50-100 रुपये का टिकट है। हमने एक कॉम्बो टिकट लिया, जो 600 रुपये प्रति व्यक्ति था और इसमें सारी चीज़ें शामिल थीं। टिकट ऑनलाइन बुक करना बेहतर है ताकि आपको कतार में न लगना पड़े।
पार्क के अंदर खाने-पीने की कुछ छोटी कैंटीन हैं, लेकिन ज्यादा विकल्प नहीं मिलते। यहाँ दक्षिण भारतीय खाना जैसे इडली, डोसा और वड़ा आसानी से मिल जाता है। हमने एक कैंटीन में दोपहर का खाना खाया दाल-चावल और मसाला डोसा लिया, जो काफी स्वादिष्ट था। एक प्लेट खाने की कीमत 100-150 रुपये थी। पानी की बोतलें और कुछ स्नैक्स भी मिलते हैं, लेकिन ज्यादा कुछ उम्मीद न करें। बेहतर है कि आप हल्का खाना साथ ले जाएँ।
बटरफ्लाई पार्क यहाँ का एक और खूबसूरत हिस्सा है, जो मुझे और मेरे बच्चों को बहुत पसंद आया। यहाँ एक बड़ा ग्लासहाउस है, जिसमें सैकड़ों रंग-बिरंगी तितलियाँ उड़ती हुई दिखती हैं। मेरे बच्चे तितलियों के पीछे दौड़ने लगे, और उनकी खुशी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। यहाँ एक छोटा म्यूज़ियम भी है, जहाँ तितलियों के जीवन चक्र के बारे में बताया गया है। यह जगह इतनी शांत है कि यहाँ कुछ देर बैठकर सुकून मिलता है।
जूलॉजिकल पार्क में कई तरह के जानवर देखने को मिले, जैसे शेर, चीता, भालू, मगरमच्छ और साँप। मुझे यहाँ का साँप घर बहुत पसंद आया, जहाँ कांच के पीछे कई तरह के साँप दिखे। एक बड़ा पाइथन देखकर मेरे बच्चे थोड़ा डर गए, लेकिन गाइड ने उन्हें समझाया कि सब सुरक्षित है। यहाँ जानवरों को अच्छे माहौल में रखा गया है, और उनके बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड भी लगे हैं। यह जगह बच्चों के लिए काफी मजेदार और सीखने वाली है।
बन्नेरघट्टा में एक पूरा दिन आसानी से बिताया जा सकता है। हम सुबह 9 बजे पहुँचे और सबसे पहले सफारी की। उसके बाद जूलॉजिकल पार्क और बटरफ्लाई पार्क घूमे। दोपहर में खाना खाकर थोड़ा आराम किया और फिर पार्क की हरियाली में टहलते हुए कुछ तस्वीरें लीं। यहाँ जगह-जगह बैठने की व्यवस्था है, जहाँ आप थकान मिटा सकते हैं। अगर आपके पास समय कम है, तो कम से कम सफारी और जूलॉजिकल पार्क जरूर देखें।
बन्नेरघट्टा जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है, यानी नवंबर से फरवरी तक। इस दौरान मौसम सुहाना रहता है, और जानवरों को देखना आसान होता है। हम जनवरी में गए थे, और मौसम इतना अच्छा था कि पूरा दिन घूमने में मज़ा आया। गर्मियों में यहाँ धूप तेज होती है, और बारिश के मौसम में रास्ते कीचड़ भरे हो सकते हैं। पार्क सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है, और मंगलवार को बंद रहता है।
बन्नेरघट्टा जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अपने साथ पानी की बोतल, सनस्क्रीन और टोपी जरूर ले जाएँ, खासकर गर्मियों में। यहाँ जंगल के बीच होने की वजह से मच्छर हो सकते हैं, तो मच्छर भगाने वाली क्रीम भी साथ रखें। पार्क में प्लास्टिक की चीजें ले जाना मना है, तो इस बात का ध्यान रखें। आरामदायक जूते पहनें, क्योंकि यहाँ काफी चलना पड़ता है। अगर आप सफारी ले रहे हैं, तो पहले ऑनलाइन टिकट बुक कर लें ताकि समय बचे।
बन्नेरघट्टा की यह यात्रा मेरे लिए बहुत खास थी। यहाँ जंगल की सैर, जानवरों को करीब से देखना और बच्चों की खुशी सब कुछ एक यादगार अनुभव बन गया। यह जगह न सिर्फ वन्यजीवों को देखने की है, बल्कि प्रकृति के साथ कुछ पल बिताने की भी है। यहाँ की शांति और हरियाली आपको तरोताज़ा कर देती है। अगर आप बेंगलुरु में हैं, तो अपने परिवार के साथ यहाँ जरूर जाएँ। यह एक ऐसा अनुभव होगा, जो आप हमेशा याद रखेंगे।
यह लेख उन लोगों के लिए है जो बेंगलुरु से एक दिन की सैर की योजना बना रहे हैं। बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क प्रकृति और वन्यजीवों से प्यार करने वालों के लिए एकदम सही जगह है। अपने परिवार के साथ यहाँ जाएँ, सफारी का मज़ा लें और प्रकृति के करीब कुछ यादगार पल बिताएँ।
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