आजकल शादीशुदा जोड़ों के बीच तनाव और दूरियाँ बढ़ने की कई वजहें सामने आ रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि सैक्स भी इनमें से एक बड़ी वजह हो सकता है? रिश्तों में अंतरंगता की कमी धीरे धीरे पति-पत्नी के बीच अनबन और तनाव का कारण बनने लगती है। कई बार यह छोटी-छोटी बातों से शुरू होकर बाद में बड़े झगड़ों का रूप ले लेती है। 35 साल की रीना बताती हैं कि शादी के 10 साल बाद उनके बीच वो गर्माहट कम हो गई और छोटी बातों पर लड़ाई होने लगी। आइए जानें सैक्स की कमी रिश्तों को कैसे प्रभावित करती है।
शादी के शुरुआती सालों में पति-पत्नी के बीच सैक्स को लेकर उत्साह और रोमांस चरम पर होता है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, बच्चों की जिम्मेदारियाँ और रोजमर्रा की भागदौड़ इस उत्साह को कम कर देती है। कई जोड़ों को एकांत के पल बिताने का मौका ही नहीं मिल पाता। ऐसे में अंतरंगता की कमी रिश्ते में एक खालीपन ला देती है। यह खालीपन धीरे-धीरे गलतफहमियों और तनाव का कारण बनने लगता है। अगर इसे समय रहते न संभाला जाए, तो रिश्ते में दरार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
उम्र का भी सैक्स पर गहरा असर पड़ता है, और यह हर जोड़े के लिए अलग होता है। 20-30 साल की उम्र में सैक्स को लेकर जो उत्साह होता है, वह 40 के बाद कम होने लगता है। रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. अनिता शर्मा कहती हैं, उम्र के साथ हार्मोनल बदलाव सैक्स की इच्छा को प्रभावित करते हैं। पुरुष और महिला में यह बदलाव अलग-अलग समय पर आते हैं। अगर पति-पत्नी एक-दूसरे की जरूरतों को न समझें, तो गलतफहमियाँ बढ़ने लगती हैं। यह समझना जरूरी है कि हर उम्र में सैक्स का मतलब बदलता रहता है।
कई बार महिलाएँ यह सोचने लगती हैं कि उनके पति की सैक्स में रुचि कम होने का मतलब कहीं बाहर रिश्ता तो नहीं। 38 साल की शिखा ने बताया, मेरे पति रात को जल्दी सो जाते थे, और मुझे लगता था कि उनका कहीं चक्कर चल रहा है। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनके पति को ऑफिस के तनाव और थकान की वजह से सैक्स में रुचि कम हो गई थी। ऐसी गलतफहमियाँ रिश्ते में जहर घोल सकती हैं। एक-दूसरे से खुलकर बात करना ही इसका हल है।
बच्चों के बड़े होने के बाद भी कई जोड़ों को एकांत नहीं मिल पाता। घर की जिम्मेदारियाँ, बच्चों की पढ़ाई, और सामाजिक दबाव के बीच पति-पत्नी अपने लिए समय नहीं निकाल पाते। यह कमी धीरे-धीरे उनके रिश्ते में मनमुटाव लाने लगती है। कई बार यह तनाव इतना बढ़ जाता है कि बात तलाक तक पहुँच जाती है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का कहना है कि जोड़ों को अपने लिए समय निकालना चाहिए। एक छोटा सा ब्रेक या डेट नाइट रिश्ते में नई जान डाल सकती है।
कभी-कभी सैक्स की कमी की वजह से विवाहेतर संबंध भी बनने लगते हैं। जब एक पार्टनर को लगता है कि उसकी जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं, तो वह बाहर ध्यान खोजने लगता है। 42 साल के राहुल ने बताया, मेरी पत्नी को सैक्स में रुचि नहीं थी, और मैंने एक सहकर्मी के साथ दोस्ती बढ़ा ली। यह दोस्ती बाद में विवाहेतर संबंध में बदल गई। ऐसे रिश्ते न सिर्फ शादी को तोड़ते हैं, बल्कि परिवार पर भी बुरा असर डालते हैं। इसलिए जरूरी है कि पति-पत्नी अपनी समस्याओं को समय रहते सुलझाएँ।
सैक्स को लेकर पति-पत्नी के बीच खुली बातचीत बहुत जरूरी है। कई बार लोग अपनी जरूरतों को खुलकर बताने में हिचकते हैं, जिससे गलतफहमियाँ बढ़ती हैं। डॉ. अनिता सलाह देती हैं, अगर आपको लगता है कि आपके रिश्ते में सैक्स की कमी है, तो अपने पार्टनर से बिना झिझक बात करें। यह बातचीत रिश्ते में नई गर्माहट ला सकती है। पार्टनर की भावनाओं को समझना और उनकी जरूरतों का ध्यान रखना जरूरी है। इससे रिश्ता मजबूत होता है।
उम्र के साथ सैक्स की इच्छा में बदलाव आना स्वाभाविक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रिश्ते में रोमांस खत्म हो जाए। 50 साल की उम्र में भी जोड़े अंतरंगता को नए तरीकों से जीवित रख सकते हैं। जैसे, साथ में समय बिताना, एक-दूसरे की तारीफ करना, या छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढना। सैक्स सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी है। इस जुड़ाव को बनाए रखने के लिए दोनों को कोशिश करनी चाहिए।
कई बार तनाव, थकान, और हेल्थ प्रॉब्लम्स भी सैक्स की इच्छा को कम कर देते हैं। अगर ऐसा है, तो डॉक्टर या काउंसलर की मदद लेना सही कदम हो सकता है। 45 साल की ममता कहती हैं, मुझे थायरॉइड की वजह से सैक्स में रुचि कम हो गई थी, लेकिन ट्रीटमेंट के बाद सब ठीक हो गया। अपने पार्टनर को दोष देने से पहले उसकी परेशानी को समझना जरूरी है। सही समय पर मदद लेने से रिश्ते को बचाया जा सकता है।
सैक्स को लेकर समाज में कई गलत धारणाएँ भी हैं, जो रिश्तों पर असर डालती हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि सैक्स सिर्फ जवानी में ही जरूरी है। लेकिन यह सच नहीं है हर उम्र में अंतरंगता की जरूरत होती है। बस उसका रूप बदल जाता है। पति-पत्नी को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इन धारणाओं को तोड़कर रिश्ते को नई दिशा दी जा सकती है।
रिश्ते में अंतरंगता को बनाए रखने के लिए छोटी-छोटी बातें बहुत मायने रखती हैं। साथ में हँसना, एक-दूसरे का हाथ थामना, या रात को फोन से दूर रहकर साथ समय बिताना रिश्ते में गर्माहट ला सकता है। सैक्स सिर्फ शारीरिक जरूरत नहीं, बल्कि प्यार का इजहार भी है। अगर यह रिश्ते में संतुलित है, तो पति-पत्नी के बीच प्यार बना रहता है। इसे अनदेखा करने से रिश्ते में दूरियाँ बढ़ सकती हैं।
कई जोड़े सैक्स को लेकर बात करने से कतराते हैं, जो गलत है। अपनी जरूरतों को दबाने से रिश्ता कमजोर होता है। अगर आपको लगता है कि आपके रिश्ते में सैक्स की कमी है, तो अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। उनकी भावनाओं को समझें और उनकी परेशानियों को सुनें। साथ में एक छोटी छुट्टी पर जाएँ या रात को एक-दूसरे को समय दें। यह आपके रिश्ते को एक नई शुरुआत दे सकता है।
अगर रिश्ते में सैक्स को लेकर लगातार समस्याएँ बनी रहती हैं, तो किसी काउंसलर की मदद लेना सही कदम हो सकता है। रिलेशनशिप काउंसलिंग से कई जोड़ों को फायदा हुआ है। 40 साल के अमित और उनकी पत्नी ने काउंसलिंग के बाद अपने रिश्ते को नई दिशा दी। काउंसलिंग से उन्हें एक-दूसरे की जरूरतों को समझने में मदद मिली। यह एक ऐसा कदम है, जो रिश्ते को टूटने से बचा सकता है।
अंत में, यह समझना जरूरी है कि सैक्स रिश्ते का एक अहम हिस्सा है, लेकिन यह सब कुछ नहीं है। प्यार, विश्वास, और समझ के बिना सैक्स भी अधूरा है। अपने पार्टनर के साथ हर स्तर पर जुड़ाव बनाए रखें। छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढें और एक-दूसरे का साथ दें। आपके रिश्ते में सैक्स की कमी ने क्या कभी दूरियाँ बढ़ाई हैं? अपने अनुभव हमारे साथ कमेंट में शेयर करें!
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