क्या Pregnancy में ज्यादा यूज कर रही हैं स्मार्टफोन, तो जान लें ये जरूरी बातें

प्रेगनेंसी में स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। जानें इसके नुकसान और सही इस्तेमाल के टिप्स।

स्मार्टफोन की रेडिएशन: कितना खतरा?


स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को लेकर वैज्ञानिकों में हमेशा से चर्चा होती रही है। कुछ स्टडीज के मुताबिक, लंबे समय तक इस रेडिएशन के संपर्क में रहने से सेहत पर असर पड़ सकता है। प्रेगनेंसी में यह और भी संवेदनशील हो जाता है, क्योंकि इस दौरान आपके बच्चे का दिमाग और शरीर तेजी से विकसित हो रहा होता है। ज्यादा रेडिएशन भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती है।

क्या करें?


फोन को हमेशा अपने पेट से दूर रखें। बात करते समय स्पीकर मोड या हेडफोन का इस्तेमाल करें।


रात में सोते समय फोन को एयरप्लेन मोड पर रखें या इसे बेड से कम से कम 30 सेंटीमीटर दूर रखें।


ब्लू लाइट और नींद की परेशानी


स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी नींद को प्रभावित कर सकती है। प्रेगनेंसी में अच्छी नींद मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी है। ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन (जो नींद के लिए जरूरी है) के प्रोडक्शन को कम कर देती है, जिससे नींद न आने की समस्या हो सकती है। नींद की कमी से तनाव बढ़ता है, जो प्रेगनेंसी में नुकसानदायक हो सकता है।


क्या करें?


सोने से कम से कम एक घंटे पहले फोन का इस्तेमाल बंद कर दें।


रात में हल्का म्यूजिक सुनें, किताब पढ़ें, या गहरी सांस लेने जैसी रिलैक्सिंग एक्टिविटी करें।


फोन की स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करें या नाइट मोड का इस्तेमाल करें।


शारीरिक तकलीफें: आंखों और कमर का दर्द


घंटों तक स्मार्टफोन की स्क्रीन देखने से आंखों पर जोर पड़ता है, जिससे सिरदर्द और आंखों में थकान हो सकती है। प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलावों की वजह से पहले ही सिरदर्द की शिकायत आम होती है, और स्मार्टफोन का ज्यादा यूज इसे और बढ़ा सकता है। साथ ही, एक ही पोजीशन में बैठकर फोन चलाने से कमर और गर्दन में दर्द की समस्या भी हो सकती है।


क्या करें?


हर 20-30 मिनट बाद स्क्रीन से नजर हटाएं और कुछ देर आराम दें।


सही पॉस्चर में बैठें और समय-समय पर हल्की स्ट्रेचिंग करें।


फोन को आंखों के लेवल पर रखें ताकि गर्दन पर ज्यादा जोर न पड़े।


मानसिक स्वास्थ्य पर असर


स्मार्टफोन की लत और सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लगातार स्क्रॉल करने, दूसरों की जिंदगी से अपनी तुलना करने, या नकारात्मक खबरें पढ़ने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है। प्रेगनेंसी में मानसिक शांति बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादा तनाव से प्रीमैच्योर डिलीवरी या लो बर्थ वेट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


क्या करें?


सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीमित करें और पॉजिटिव कंटेंट देखें।


परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, जो आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाएगा।


अगर तनाव महसूस हो, तो मेडिटेशन या योग जैसी एक्टिविटीज आजमाएं।


अपने आसपास से कटने का खतरा


स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल आपको अपने परिवार और दोस्तों से दूर कर सकता है। प्रेगनेंसी में अपने पार्टनर और परिवार के साथ समय बिताना बहुत जरूरी है। यह न केवल आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि आपके रिश्तों को भी गहरा करता है। फोन में उलझे रहने से आप इन अनमोल पलों को खो सकती हैं।


क्या करें?


दिन में कुछ समय फोन को पूरी तरह बंद रखें और परिवार के साथ बातचीत करें।


अपने पार्टनर के साथ बेबी के लिए नाम सोचें, बेबी रूम डेकोरेट करने की प्लानिंग करें, या बस हंसी-मजाक करें।


प्रकृति के बीच समय बिताएं, जैसे कि पार्क में टहलना या गार्डन में बैठना।


दिनचर्या पर असर


स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल आपकी दिनचर्या को बिगाड़ सकता है। प्रेगनेंसी में हल्का व्यायाम, सही डाइट, और समय पर आराम बहुत जरूरी है। लेकिन फोन में उलझे रहने से आप इन चीजों की अनदेखी कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, स्क्रॉल करते-करते आप देर तक बैठी रह सकती हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन के लिए ठीक नहीं है। अच्छा सर्कुलेशन बच्चे तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने के लिए जरूरी होता है।


क्या करें?


दिन में कुछ समय योग, वॉकिंग, या हल्की एक्सरसाइज के लिए निकालें।


फोन को साइलेंट मोड पर रखें ताकि बार-बार नोटिफिकेशन से ध्यान न भटके।


खाने-पीने और आराम का समय तय करें और उसका पालन करें।


प्रेगनेंसी के अनमोल पलों को जीएं


प्रेगनेंसी का समय बेहद खास होता है। अपने बच्चे की पहली किक, उसका अल्ट्रासाउंड देखना, या अपने पार्टनर के साथ बेबी के लिए सपने बुनना – ये वो पल हैं जो जिंदगी भर याद रहते हैं। स्मार्टफोन में डूबे रहने से आप इन पलों को मिस कर सकती हैं।


क्या करें?


फोन का यूज कम करें और अपने अनुभवों को पूरी तरह जिएं।


एक डायरी में अपनी प्रेगनेंसी जर्नी के खास पल लिखें।


अपने पार्टनर और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी टाइम बिताएं।


स्मार्टफोन का सही इस्तेमाल कैसे करें?


स्मार्टफोन को पूरी तरह छोड़ना जरूरी नहीं है, लेकिन इसका सही और सीमित इस्तेमाल जरूरी है। प्रेगनेंसी में स्मार्टफोन को अपनी सेहत और बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद तरीके से यूज करें।


कुछ टिप्स:


प्रेगनेंसी से जुड़े हेल्थ टिप्स, बेबी डेवलपमेंट की जानकारी, या मेडिटेशन ऐप्स का इस्तेमाल करें।


अपने डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता दें और ऑनलाइन हर जानकारी पर भरोसा न करें।


दिन में फोन के लिए खास समय तय करें, जैसे कि जरूरी कॉल्स या मैसेज चेक करने के लिए।


बच्चे के लिए एक हेल्दी आदत की शुरुआत


प्रेगनेंसी में स्मार्टफोन का कम और सही इस्तेमाल न केवल आपकी सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि यह आपके बच्चे के लिए भी एक हेल्दी उदाहरण बन सकता है। कम स्क्रीन टाइम की आदत आप अपने बच्चे को भी सिखा सकती हैं, जो उसे कम उम्र से ही टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल की समझ देगी।


क्या करें?


फोन की जगह किताबें पढ़ने, गाने सुनने, या क्रिएटिव एक्टिविटीज की आदत डालें।


अपने बच्चे के लिए एक हेल्दी और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल की शुरुआत प्रेगनेंसी से करें।


आखिरी बात: प्रेगनेंसी को बनाएं यादगार


प्रेगनेंसी एक अनमोल जर्नी है, और इसे स्मार्टफोन की स्क्रीन पर बर्बाद करने के बजाय, इसे पूरे दिल से जिएं। स्मार्टफोन को अपनी जिंदगी का छोटा सा हिस्सा बनाएं, लेकिन इसे अपनी जिंदगी का मालिक न बनने दें। अपने बच्चे के साथ उस खूबसूरत बंधन को और मजबूत करें, और एक हेल्दी, खुशहाल मां बनकर अपने बच्चे के लिए एक मिसाल कायम करें। क्योंकि एक स्वस्थ और सकारात्मक मां ही एक स्वस्थ और खुशहाल बच्चे को जन्म दे सकती है।


इस तरह, स्मार्टफोन का समझदारी से इस्तेमाल करके आप अपनी प्रेगनेंसी को न केवल सुरक्षित, बल्कि यादगार और खुशहाल भी बना सकती हैं। अपने और अपने बच्चे की सेहत को प्राथमिकता दें, और इस खास समय का हर पल भरपूर जिएं!


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