Calcium Overdose – ज्यादा कैल्शियम लेने से हो सकते हैं बड़े नुकसान अपनी सेहत का रखें ध्यान

हाथों में नारंगी कैल्शियम गोलियाँ, बोतल से निकालते हुए, टेबल पर अन्य गोलियाँ

कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है और शरीर के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी अधिकता भी सेहत को नुकसान पहुँचा सकती है, जैसे किडनी स्टोन और हार्ट प्रॉब्लम्स? शरीर में कैल्शियम का सही संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है, वरना परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। कई लोग सेहत के नाम पर बिना सोचे-समझे कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने लगते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। यह लेख आपको ज्यादा कैल्शियम के नुकसानों से आगाह करेगा और साथ ही इससे बचने के आसान उपाय भी बताएगा।

ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी में पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। जब शरीर में कैल्शियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है, तो यह पेशाब के जरिए पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता। यह कैल्शियम ऑक्सलेट या फॉस्फेट के साथ मिलकर पथरी का रूप ले लेता है। इससे तेज दर्द, पेशाब में रुकावट और कभी-कभी इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम की गोलियां ले रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। अपनी डाइट और सप्लीमेंट्स का सही इस्तेमाल ही इस समस्या से बचा सकता है।


ज्यादा कैल्शियम लेने से पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। कई लोगों को कब्ज, पेट में सूजन या गैस की शिकायत होने लगती है। खासकर जब कैल्शियम सप्लीमेंट्स को खाली पेट लिया जाता है, तो यह पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ मामलों में उल्टी या जी मिचलाने की समस्या भी देखी गई है। अगर आपकी डाइट में पहले से कैल्शियम की मात्रा सही है, तो अतिरिक्त सप्लीमेंट्स से बचें। अपने खान-पान को संतुलित रखना इस परेशानी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।


क्या आप जानते हैं कि ज्यादा कैल्शियम आपके दिल को भी नुकसान पहुंचा सकता है? शरीर में कैल्शियम की अधिकता धमनियों में जमा हो सकती है, जिसे कैल्सिफिकेशन कहते हैं। इससे धमनियां सख्त हो जाती हैं और ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आती है। यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। खासकर बुजुर्गों में यह खतरा ज्यादा देखा गया है। अगर आप लंबे समय से कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।


ज्यादा कैल्शियम शरीर में हार्मोनल संतुलन को भी बिगाड़ सकता है। यह थायरॉइड ग्लैंड पर असर डालता है, जिससे थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है। इससे वजन बढ़ना, थकान और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में ज्यादा कैल्शियम पैराथायरॉइड हार्मोन को भी प्रभावित करता है। यह हड्डियों से कैल्शियम को खींचकर खून में मिला देता है, जो हड्डियों को कमजोर कर सकता है। अपनी डाइट में संतुलन बनाना इस परेशानी से बचने का आसान तरीका है।


ज्यादा कैल्शियम लेने से मांसपेशियों में भी परेशानी हो सकती है। यह मांसपेशियों में ऐंठन, दर्द और कमजोरी का कारण बनता है। शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ने से मैग्नीशियम का संतुलन बिगड़ जाता है, जो मांसपेशियों के लिए जरूरी है। इससे आपको बार-बार थकान और शरीर में भारीपन महसूस हो सकता है। अगर आप ज्यादा कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। इससे मांसपेशियों की सेहत बनी रहेगी।


ज्यादा कैल्शियम लेने से खून में इसकी मात्रा बढ़ सकती है, जिसे हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं। इससे प्यास ज्यादा लगना, बार-बार पेशाब आना और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को चक्कर आना या भ्रम की स्थिति भी हो सकती है। यह स्थिति शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है, खासकर किडनी और दिल को। अगर आपको ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अपनी डाइट और सप्लीमेंट्स की मात्रा को नियंत्रित रखना जरूरी है।


कैल्शियम की अधिकता अक्सर सप्लीमेंट्स और गलत डाइट की वजह से होती है। डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे दूध, दही और पनीर, में कैल्शियम भरपूर होता है, लेकिन इन्हें ज्यादा खाना नुकसानदायक हो सकता है। कुछ लोग कैल्शियम-फोर्टिफाइड जूस या सीरियल भी ज्यादा खा लेते हैं। अगर आप सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो उनकी डोज डॉक्टर से पूछकर ही लें। हरी पत्तेदार सब्जियां और बादाम जैसे प्राकृतिक स्रोतों से संतुलित मात्रा में कैल्शियम लें। डाइट में विविधता लाना सेहत के लिए बेहतर है।


ज्यादा कैल्शियम से बचने के लिए सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान दें। अगर आप डेयरी प्रोडक्ट्स ज्यादा खाते हैं, तो उनकी मात्रा कम करें। सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अपने शरीर के संकेतों को समझें अगर आपको पथरी, कब्ज या थकान की शिकायत हो, तो जांच करवाएं। पानी खूब पिएं, ताकि शरीर से अतिरिक्त कैल्शियम बाहर निकल सके। संतुलित डाइट और नियमित जांच से इस समस्या से बचा जा सकता है।


बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा कैल्शियम के नुकसान से बचाने के लिए खास ध्यान देना चाहिए। बच्चों की हड्डियां बढ़ रही होती हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा कैल्शियम उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, बुजुर्गों में किडनी और दिल की समस्याएं पहले से मौजूद हो सकती हैं। ज्यादा कैल्शियम इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है। उनकी डाइट में कैल्शियम की मात्रा को संतुलित रखें। डॉक्टर से समय-समय पर सलाह लेते रहें।


ज्यादा कैल्शियम के नुकसानों से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है। अगर आप सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो डॉक्टर से अपनी जरूरत की डोज पूछें। कुछ लोग विटामिन डी के साथ कैल्शियम लेते हैं, जिससे इसकी मात्रा और बढ़ सकती है। अगर आपको कब्ज, पथरी या थकान जैसे लक्षण दिखें, तो ब्लड टेस्ट करवाएं। डॉक्टर आपके खून में कैल्शियम के स्तर की जांच कर सही सलाह दे सकते हैं। अपनी सेहत को हल्के में न लें।


कैल्शियम हमारी सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन ज्यादा कैल्शियम लेना भी नुकसानदायक हो सकता है। किडनी में पथरी से लेकर दिल की समस्याओं तक, इसके कई खतरे हैं। अपनी डाइट को संतुलित रखें और बिना सलाह के सप्लीमेंट्स न लें। शरीर के संकेतों को समझें और समय पर डॉक्टर से संपर्क करें। सेहतमंद जिंदगी के लिए संतुलन ही सबसे बड़ा मंत्र है। अपनी सेहत का ख्याल रखें, क्योंकि यह आपकी सबसे बड़ी पूंजी है!


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