Beauty Tips – कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट से पाएं जवां और दमकती स्किन

एक महिला स्किन क्लिनिक में फेशियल ट्रीटमेंट ले रही है, जहां एक्सपर्ट कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट तकनीक का उपयोग कर रही हैं।

आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल में हर कोई जवां दिखना चाहता है लेकिन बिना चाकू-कैंची के। कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट फेशियल एक ऐसा स्किन ट्रीटमेंट है जो बिना सर्जरी और इंजेक्शन के आपको यंग लुक दे सकता है। इसमें पतले, घुलने वाले थ्रेड्स का इस्तेमाल किया जाता है जो स्किन को अंदर से रिपेयर करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया नॉन-इनवेसिव होती है और इसके साइड इफेक्ट्स भी बेहद कम होते हैं। यही वजह है कि यह ट्रेंड आजकल काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है। खासकर 30 से ऊपर की महिलाओं में इसकी डिमांड बढ़ी है।

कॉपर पेप्टाइड्स असल में ऐसे प्रोटीन अणु होते हैं जो स्किन रिपेयर और टिशू रीजनरेशन में मदद करते हैं। जब इन्हें थ्रेड्स के ज़रिए त्वचा की डीप लेयर में डाला जाता है, तो यह कोलेजन और इलास्टिन को नेचुरल तरीके से बूस्ट करते हैं। कोलेजन वही फाइबर है जो स्किन को टाइट और जवां बनाए रखता है। इस तकनीक में न तो फिलर्स की जरूरत होती है, न ही कोई इंजेक्शन लगाया जाता है। प्रक्रिया पूरी तरह से मेडिकल-ग्रेड और क्लीनिकली सेफ मानी जाती है। यही इसे बाकियों से अलग बनाता है।


थ्रेड लिफ्ट ट्रीटमेंट एक बार में ही रिज़ल्ट नहीं दिखाता, लेकिन इसका असर धीरे-धीरे लंबे समय तक चलता है। ज्यादातर लोग 2 से 4 हफ्तों के भीतर चेहरे में कसाव और चमक महसूस करने लगते हैं। सबसे खास बात यह है कि कोई रिकवरी टाइम नहीं होता। आप इसे लंच ब्रेक में भी करवा सकते हैं और तुरंत अपने काम पर लौट सकते हैं। स्किन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसके फायदे अगले 6 से 12 महीनों तक बने रहते हैं। अगर आप समय-समय पर टच-अप कराएं, तो और बेहतर परिणाम मिलते हैं।


इस फेशियल को कराने के लिए कोई दर्दनाक प्रक्रिया नहीं होती। बस त्वचा की सतह को हल्का-सा सुन्न किया जाता है ताकि थ्रेड्स आराम से डाले जा सकें। थ्रेड्स अंदर जाकर धीरे-धीरे घुलते हैं और स्किन को नेचुरल टाइटनेस देते हैं। इसे पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल मटेरियल से बनाया जाता है, जिससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता। यही वजह है कि इसका साइड इफेक्ट ना के बराबर होता है। फेश के अलावा इसे गर्दन और जॉलाइन एरिया में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट फेशियल खास उन लोगों के लिए है जो सर्जरी से डरते हैं या नेचुरल ब्यूटी को बनाए रखना चाहते हैं। बोटोक्स और फिलर्स की तुलना में यह तकनीक स्किन को मजबूती और ग्लो दोनों देती है। इसमें किसी केमिकल या टॉक्सिन का यूज़ नहीं होता, जिससे नैचुरल टेक्सचर बना रहता है। यह तकनीक स्किन की गहराई में जाकर काम करती है, जिससे सतही बदलाव के बजाय असली कायाकल्प होता है। धीरे-धीरे आपकी त्वचा स्मूद और फ्रेश दिखने लगती है।


इस ट्रीटमेंट की लागत क्लिनिक और एरिया के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। भारत में इसकी एवरेज कीमत ₹8,000 से ₹20,000 प्रति सेशन तक हो सकती है। हालांकि कई क्लीनिक डिस्काउंट पैकेज भी देते हैं जो लॉन्ग टर्म में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। एक सेशन में ही अच्छा बदलाव दिखने लगता है, लेकिन बेहतर रिज़ल्ट के लिए 2–3 सेशन की सलाह दी जाती है। अगर आप नियमित स्किन केयर फॉलो करें तो इसकी जरूरत और भी कम हो सकती है।


इस फेशियल के बाद की केयर भी काफी सिंपल होती है। ट्रीटमेंट के बाद 24 घंटे तक मेकअप और एक्सफोलिएशन से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही स्किन को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी होता है, जिससे थ्रेड्स अच्छे से अपना काम कर सकें। गर्म पानी से चेहरा धोने से बचें और डाइरेक्ट सनलाइट से दूर रहें। कुछ लोगों को हल्की-फुल्की सूजन महसूस हो सकती है जो 1–2 दिन में खुद ठीक हो जाती है। कोई लंबा डाउनटाइम नहीं होता।


कॉपर पेप्टाइड फेशियल को अन्य स्किन ट्रीटमेंट्स के साथ भी जोड़ा जा सकता है। जैसे कि रेडियो फ्रिक्वेंसी, माइक्रोनीडलिंग या हाइड्राफेशियल। इससे इसके रिज़ल्ट और भी बेहतर होते हैं। कई डर्मेटोलॉजिस्ट इस ट्रीटमेंट को एंटी-एजिंग रूटीन में शामिल करने की सलाह देते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी स्किन में ढीलापन आ रहा हो या लगातार थकावट महसूस हो रही हो। इसे हर 6 महीने में दोहराने से स्किन हेल्दी और टाइट बनी रहती है।


हालांकि यह ट्रीटमेंट सुरक्षित है, फिर भी किसी सर्टिफाइड स्किन एक्सपर्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट से ही करवाना चाहिए। लोकल सैलून या बिना सर्टिफिकेशन वाले क्लीनिक से दूरी बनाएं। खराब क्वालिटी के थ्रेड्स या गलत तकनीक का इस्तेमाल स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप किसी अनुभवी और लाइसेंस प्राप्त प्रोफेशनल से ही सलाह लें। इससे आप ट्रीटमेंट को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रह सकते हैं।


यह फेशियल केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी लोकप्रिय हो रहा है। आज की तारीख में स्किन केयर को लेकर पुरुष भी सजग हो चुके हैं और नैचुरल लुक के लिए सर्जरी से बचना चाहते हैं। कॉपर पेप्टाइड थ्रेड्स जॉलाइन, फोरहेड और नेज़ोलैबियल फोल्ड्स यानी चेहरे की झुर्रियों को भी टारगेट करते हैं। इसलिए यह एक जेंडर-न्यूट्रल ट्रीटमेंट है जो हर स्किन के लिए फायदेमंद हो सकता है।


कई ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटीज इस ट्रीटमेंट को प्रमोट कर रहे हैं क्योंकि इसका रिज़ल्ट नैचुरल और ग्रेसफुल होता है। बिना किसी ओवरडन या फेक लुक के, चेहरा निखर जाता है। इससे सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है क्योंकि स्किन ग्लो करने लगती है और थकान या उम्र का असर कम नजर आता है। सोशल मीडिया पर भी इसके पहले और बाद की तस्वीरें काफी वायरल हो चुकी हैं। यह बताता है कि यह एक भरोसेमंद और असरदार विकल्प बन चुका है।


अगर आपकी स्किन लो-एन्हांसमेंट की मांग कर रही है और आप नेचुरल लुक चाहते हैं, तो यह फेशियल परफेक्ट है। ना तो इसके लिए जटिल स्किन केयर की जरूरत है और ना ही किसी मेडिकेशन की। कुछ लोग इसे साल में एक बार भी कराते हैं और अच्छा रिज़ल्ट पाते हैं। यह ट्रीटमेंट उन लोगों के लिए भी बेहतर है जो कैमरे के सामने रहते हैं या जिनकी प्रोफाइल विज़ुअल इमेज से जुड़ी होती है।


बाजार में ब्यूटी ट्रीटमेंट्स की भरमार है लेकिन कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट फेशियल उनमें एक इनोवेटिव और भरोसेमंद नाम बन चुका है। यह स्किन को धीरे-धीरे हेल्दी बनाता है और उसके ग्लो को बनाए रखता है। हर उम्र और स्किन टाइप के लिए यह विकल्प खुला है। सबसे बड़ी बात, ये किसी दबाव या घबराहट के बिना स्किन को सुंदर बनाने का मौका देता है। यह एक सटीक बैलेंस है साइंस और स्किन वेलनेस के बीच।


तो अगर आप चेहरे को नैचुरल तरीके से टाइट, ग्लोइंग और जवां बनाना चाहते हैं और वो भी बिना किसी सर्जरी या इंजेक्शन के तो कॉपर पेप्टाइड थ्रेड लिफ्ट फेशियल को एक मौका देना बनता है। यह सुरक्षित, असरदार और लॉन्ग-लास्टिंग है। लेकिन हमेशा सर्टिफाइड क्लिनिक से ही कराएं और स्किन के अनुसार एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। आखिरकार, आपकी स्किन ही आपकी असली पहचान है।


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